सिद्धार्थनगर ( रामदेव द्विवेदी, ऊँ टाइम्स) आज दिनांक 31 अगस्त 2024 को उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के दिशा-निर्देश तथा माननीय प्रभारी जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिद्धार्थनगर के आदेश के क्रम में श्री मनोज कुमार तिवारी, अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिद्धार्थनगर की अध्यक्षता में नशीली दवाओं, धूम्रपान एवं शराब के उन्मूलन में विधिक एवं मेडिकल जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सिद्घार्थ महाविद्यालय बर्डपुर सिद्घार्थनगर में किया गया।
उक्त विशेष जागरूकता शिविर में प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी श्री श्रेय कुमार वर्मा सिविल जज जू०डि० /एफ०टी०सी०-1 व प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी श्रीमती ऋचा चौधरी सिविल जज जू०डि०/एफ०टी०सी०-2, डा० नौशाद आलम विभागाध्यक्ष कम्यूनिटी मेडिसिन माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज सिद्घार्थनगर, डा० मोहम्मद अफजल सहायक आचार्य मानसिक रोग विभाग माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज सिद्घार्थनगर, डा० रविप्रकाश श्रीवास्तव सहायक प्रबन्धक सिद्घार्थ महाविद्यालय बर्डपुर, श्री सत्येन्द्र बहादुर डी०एल०एड० विभागाध्यक्ष सिद्घार्थ महाविद्यालय बर्डपुर, श्रीमती होशीला पटेल डी०एल०एड० स्पेशल एजूकेशन सिद्घार्थ महाविद्यालय बर्डपुर, श्री कुलदीप श्रीवास्तव कार्यालय अधीक्षक सिद्घार्थ महाविद्यालय बर्डपुर तथा सिद्घार्थ महाविद्यालय बर्डपुर सिद्घार्थनगर के अनेकों छात्र व छात्राएं उपस्थित रहेे।
श्री मनोज कुमार तिवारी अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव द्वारा शिविर को संबोधित करते हुए उपस्थित छात्र/छात्राआें को यह बताया गया कि समाज तथा परिवार के विकास व समृद्धी में युवा वर्ग का नशे व उसकी आदत से दूर रहना आवश्यक है तथा यह भी बताया गया कि स्वापक व मनोत्तेजक पदार्थ अधिनियम 1985 के तहत नशे के अपवर्जित पदार्थों के उत्पादन, क्रय, विक्रय, भंडारण तथा परिवहन को विनियमित करते हुए उनके लिए कठोर दंड के प्रावधान किये गये है तथा एन०डी०पी०एस० एक्ट के अपराध में शीघ्र जमानत नहीं है एवं व्यावसायिक मात्रा पाये जाने पर न्यूनतम 10 वर्ष की सजा तथा 100000/- रूपये जुर्माना की सजा का प्रावधान है। उपस्थित युवा वर्ग को नशे की लत से दूर रहने, अध्ययनशील होने, महिलाओं का सम्मान करने तथा समाज में व्याप्त नशे की कुरीतियों के विरूद्घ आवाज उठाने हेतु प्रेरित किया गया।
शिविर को संबोधित करते हुये प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी श्री श्रेय कुमार वर्मा, सिविल जज जू०डि०/ एफ०टी०सी०-1 द्वारा उपस्थित युवा छात्र/छात्राआें को संबोधित करते हुए यह बताया गया कि स्वापक एवं मनोत्तेजक पदार्थ न केवल उक्त पदार्थों का सेवन करने वाले मनुष्य बल्कि उसके परिवार आैर समाज को भी प्रभावित करता है तथा देश की अर्थव्यवस्था इससे प्रभावित होती है। उनके द्वारा एन०डी०पी०एस० एक्ट के प्राविधानों का सन्दर्भ लेते हुए मादक आैषधियों आैर मनोत्तेजक पदार्थो की न्यूनतम मात्रा, अन्तर्वर्ती मात्रा तथा व्यावसायिक मात्रा में भेद बताते हुए एन०डी०पी०एस० एक्ट के तहत पुलिस द्वारा बरामदगी के समय बरती जाने वाली सावधानियों, अभियुक्त के अधिकार, जमानत सम्बन्धी नियम तथा कठोर दंड के प्रवधानों के संबंध में विस्तार से बताया गया।
शिविर को संबोधित करते हुये प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी श्रीमती ऋचा चौधरी सिविल जज जू०डि०/ एफ०टी०सी०-2 के द्वारा Narcotic drugs and Psychotropic Substance Act या स्वापक आैषधि आैर मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 पर जागरूक करते हुए बताया गया कि एन०डी०पी०एस० अधिनियम 1985 भारत सरकार द्वारा पारित एक महत्वपूर्ण कानून है जिसका मुख्य उददेश्य नशीली आैषधियों व पदार्थों के दुरूपयोग पर राेक लगाना है। यह अधिनियम न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। बल्कि यह समाज को नशीली आैषधियों व पदार्थों के हानिकारक प्रभाव से बचाने के लिए भी आवश्यक है। इन नशीली पदार्थेा के सेवन करने से व्यक्ति शारीरिक रूप से ग्रसित होता है आैर साथ ही साथ उसके आस-पास के लोगों पर भी उसका दुष्प्रभाव पडता है।
शिविर को संबोधित करते हुये डा० मोहम्मद अफजल, सहायक आचार्य, मानसिक रोग विभाग माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज सिद्घार्थनगर द्वारा पावरप्वाइंट प्रजेनटेशन के माध्यम से उपस्थित युवा वर्ग को स्वापक एवं मनाेत्तेजक पदार्थों से दूर रहने के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए उनके शरीर पर पडने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी साथ ही शराब एवं तम्बाकु व उससे बने पदार्थों से होने वाले गंभीर रोगों जैसे लीवर कैंसर, गले व फेफडे के कैंसर के बारे में उपस्थित जनसमूह को सचेत करते हुए नशे के विरूद्घ सम्पूर्ण समाज को एकजूट होकर संकल्प लेते हुए मुहिम छेडने हेतु प्रेरित किया गया।
शिविर को संबोधित करते हुये डा० नौशाद आलम, विभागाध्यक्ष, कम्यूनिटी मेडिसिन माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज सिद्घार्थनगर द्वारा सिगरेट तथा तम्बाकु उत्पादों के सम्बन्ध में बनाये गये विनियमन, शराब बंदी तथा स्वापक आैषधियों के बारे में विस्तार से बताते हुए उनके व्यक्ति व समाज पर पडने पर दुष्प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की गयी तथा यह भी बताया गया कि तम्बाकु में पाया जाने वाला निकोटिन बेहद खरतनाक व भारत में पाये जाने वाले मुख व फेंफडों के कैंसर में उत्तरदायी है।
शिविर के अन्त में सहायक प्रबन्धक सिद्घार्थ महाविद्यालय बर्डपुर सिद्घार्थनगर डा० रविप्रकाश श्रीवास्तव द्वारा उपस्थित छात्र/छात्राआें को नशीली दवाओं, धूम्रपान एवं शराब के उन्मूलन के सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त करते हुए सभी को जागरूक रहने व अपने परिवार के लोगों एवं अपने आस-पास के लाेगों को नशे की लत से दूर रहने तथा आज शिविर में प्राप्त जानकारी का प्रचार-प्रसार करने हेतु कहा गया तथा शिविर के माध्यम से प्राधिकरण द्वारा जागरूकता फैलाये जाने के प्रयास की सराहना करते हुए शिविर के समापन का किया घोषणा ।

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